ट्रांसफार्मर एक विद्युत यंत्र है जो विद्युत ऊर्जा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर बिना बदलाव के ट्रांसफर करता है। यह AC सप्लाई की फ्रीक्वेंसी को बिना बदले उसे कम या ज्यादा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ट्रांसफार्मर के प्रकार निम्नलिखित होते हैं:
- आटोट्रांसफार्मर
- इम्पीडेन्स ट्रान्सफॉर्मर
- वोल्टेज स्थापित्र (स्टैब्लाइजर) ट्रान्सफॉर्मर
- बैलून (Balun) या बैलेन्स-अनबैलेन्स ट्रान्सफॉर्मर
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रान्सफॉर्मर
- परिवर्ती आवृत्ति ट्रान्सफॉर्मर
- पिजो-इलेक्ट्रिक ट्रान्सफॉर्मर
- नियत वोल्टता ट्रान्सफॉर्मर (constant voltage transformer या CVT)
- आइसोलेशन ट्रान्सफॉर्मर
- लीकेज ट्रान्सफॉर्मर (Leakage transformer)
ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत यह है कि इसमें दो या दो से अधिक कुंडलियाँ होती हैं, जिनमें से एक कुंडली में विद्युत ऊर्जा को इनपुट करते हुए दूसरी कुंडली में उसी विद्युत ऊर्जा को आउटपुट के रूप में निकाला जाता है।